शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने माटी अर्पण न्याय यात्रा के लिए सौंपा जिलाधिकारी को ज्ञापन
शिक्षा प्रणाली में हो रहे अकादमिक भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ जागरूकता फैलाने हेतु माटी अर्पण न्याय यात्रा का आयोजन।
नियुक्तियों में हुई हेराफेरी, फर्जी दस्तावेजों और आरक्षण संबंधी घोटालों की जांच की मांग।
वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने शुक्रवार को जिलाधिकारी को माटी अर्पण न्याय यात्रा के लिए ज्ञापन सौंपकर यात्रा के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि हिंदी विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों द्वारा संविधान, कानून एवं शिक्षा मंत्रालय के द्वारा भेजे गए अनेक पत्रों की अवहेलना की जा रही है, और दलित होने के नाते उनके विरुद्ध विश्वविद्यालय में अकादमिक भ्रष्टाचार और कदाचार हो रहा है। इस संबंध में अनेक अनियमितताओं के बारे में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने भ्रष्टाचार को रोकने और जांच करने के आदेश भी दिए हैं। उन्होंने अवगत कराया कि इस संबंध में उनके द्वारा शोषण और भ्रष्टाचार के विरुद्ध निवारण एवं निवेदन हेतु माननीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार को सेवाग्राम और दीक्षाभूमि की पवित्र संकल्पित मिट्टी को सौंपने का निर्णय लिया गया है।
उच्च शिक्षा में हो रहे अकादमिक भ्रष्टाचार और कदाचार के संबंध में समाज को जागरूक करने के लिए यह यात्रा उपरोक्त तिथियों में सड़क मार्ग से वर्धा के सेवाग्राम आश्रम से होकर नागपुर, जबलपुर, प्रयागराज, अयोध्या, लखनऊ, मथुरा से दिल्ली, शिक्षा मंत्रालय होते हुए राजघाट, नई दिल्ली में पूर्ण होगी। यात्रा की शुरुआत शिक्षक संघ, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष एवं सह-आचार्य डॉ. धरवेश कठेरिया के नेतृत्व में विभिन्न अकादमिक व्यक्तियों तथा जनमानस के सहयोग से की जाएगी।
यात्रा में कार्यक्रमः
- प्रमुख अकादमिक संस्थानों में भेंट, चर्चा एवं अपील।
- यात्रा के दौरान प्रतिदिन "चाय पे चर्चा"।
- यात्रा के दौरान जनसहभागिता से भोजन ग्रहण; भोजन के अभाव में गुड़-चने का सेवन।
- अंत्योदय के दर्शन को साकार करते हुए ठहरने हेतु दलित, वंचित, शोषित, पीड़ित जन का आश्रय।
जनमानस से अपीलः
भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए सभी भारतवासियों से अपील है कि इस न्याय यात्रा में यथाशक्ति अपनी सहभागिता प्रदान करें। इस हेतु आपसे निवेदन है कि कम से कम 500 मीटर पद चलन कर सहयोग करें।
मांग के प्रमुख बिंदु:
- नियुक्तियों में हुई हेराफेरी और फर्जी दस्तावेजों के घोटाले।
- नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी घोटाले।
- फर्जी विभाग खोलकर नियुक्ति और पाठ्यक्रम संचालन घोटाला।
- नियम विरुद्ध प्रमोशन, फर्जी अनुभव के आधार पर हुई नियुक्तियों की जांच।
- अतिथि अध्यापकों की अनावश्यक नियुक्तियां।
- प्रवेश, परीक्षा और विश्वविद्यालय में अकादमिक अराजकता।
- ऑनलाइन परीक्षा आयोजन के भुगतान संबंधी घोटाले।
- चिकित्सा भुगतान के घोटालों की जांच।
- सरकारी यात्राओं के घोटाले।
- विश्वविद्यालय की साख, संस्था तथा बैंक द्वारा लोन वितरण में हुई गड़बड़ी के मामले संबंधी जांच।
- विश्वविद्यालय में बने खराब गुणवत्ता के भवनों की विधिवत जांच।